जॉली एलएलबी 3 – रिव्यू- Jolly LLB3 Review by Arun Sharma

कल मैंने जॉली एलएलबी 3 का प्रेस शो देखा। फिल्म की लंबाई करीब 2 घंटे 37 मिनट है, जो मुझे थोड़ा ज़्यादा लगी। वजह ये है कि दोनों जॉली (अक्षय कुमार और अरशद वारसी) की इंट्रोडक्शन सीन्स फिल्म में दिखाए गए हैं, जबकि ये दोनों किरदार हमें पहले की फिल्मों में पहले ही अच्छे से मिल चुके थे। तो ये हिस्सा छोटा रखा जाता तो फिल्म और टाइट लगती। पहली दो जॉली एलएलबी फिल्में हल्के-फुल्के कॉमेडी टच के साथ भी काफी असरदार रही थीं। लेकिन इस बार कहानी जिस मुद्दे पर बनी है, वो बहुत गंभीर है। ऐसे में कॉमेडी की कोई गुंजाइश नहीं थी और फिल्म को पूरी तरह सीरियस टोन में ही रखा जाना चाहिए था। मुझे लगता है फिल्म में दो जॉली रखने की ज़रूरत ही नहीं थी। अगर सिर्फ एक जॉली की कहानी दिखाई जाती, तो उसका इम्पैक्ट कहीं ज़्यादा गहरा पड़ता। यहां दोनों एक्टर्स – अरशद वारसी और अक्षय कुमार – जैसे स्क्रीन टाइम के लिए आपस में खींचतान कर रहे हों और कई बार एक-दूसरे को ओवरपावर करने की कोशिश करते दिखते हैं। सौरभ शुक्ला हमेशा की तरह इस बार भी बेहतरीन लगे। उनकी मौजूदगी ही कोर्टरूम ड्रामा को मजबूती देती है। दूसरे हाफ में कुछ सीन्स वाकई बहुत अच्छे बन पड़े हैं। अगर स्क्रीनप्ले पर थोड़ा और काम किया गया होता, तो शायद ये फिल्म भी पिछली दोनों फिल्मों की तरह सुपरहिट साबित हो सकती थी। हीरोइनों की फिल्म में वैसे तो कोई खास गुंजाइश नहीं थी, लेकिन अगर उन्हें लिया ही गया था, तो उनके रोल के साथ पूरा इंसाफ करना चाहिए था। लिखावट में उनकी मौजूदगी बहुत कमजोर लगी। वैसे देखा जाए तो रोज़ाना की खींचतान से हटकर ये फिल्म थोड़ा मनोरंजन जरूर करती है। पर उम्मीद जितनी थी, फिल्म उतना असर नहीं छोड़ पाई। मेरी तरफ से जॉली एलएलबी 3 को पाँच में से तीन स्टार। 🌟🌟🌟

Arun Sharma

9/19/20251 min read